वॉक थ्रू ऊर्जा अंकेक्षण को समझाईये ?

दोस्तों आज इस आर्टिकल में वॉक थू ऊर्जा अंकेक्षण के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |

वॉक थू ऊर्जा अंकेक्षण

यह सामान्य ऊर्जा अंकेक्षण होता है। इसके अन्तर्गत किसी भी प्रोजेक्ट एवं उद्योग में निरीक्षण के दौरान ऊर्जा अंकेक्षण को निर्देशित किया जाता है। इस निरीक्षण में यह देखा जाता है कि प्रोजेक्ट में तकनीकी रूप से प्रयोग होने वाले उपकरण एवं उनकी कार्यप्रणाली ठीक प्रकार से कार्य कर रही है अथवा नहीं। कार्यक्षेत्र में उपस्थित सभी उपकरणों की दक्षता का परीक्षण इस प्रक्रिया के अन्तर्गत किया जा सकता है एवं आवश्यकता पड़ने पर इन उपकरणों को बदलने का निर्देश भी दिया जा सकता है।

किसी बिल्डिंग के वॉक थ्रू ऊर्जा अंकेक्षण के अन्तर्गत सर्वप्रथम सम्पूर्ण कार्यक्षेत्र का निरीक्षण करके सुधारात्मक बिन्दुओं को मार्क कर लिया जाता है। इन बिन्दुओं का चयन ऊर्जा संरक्षण के मूल सिद्धांत के आधार पर किया जाता है।

ऊर्जा अंकेक्षण की रिपोर्ट में इन बिन्दुओं को स्पष्ट रूप से वर्तमान स्थिति तथा सुधारात्मक स्थिति के लिए प्रदर्शित किया जाता है।

ऊर्जा अंकेक्षण की इस प्रक्रिया में कार्यरत लेखा परीक्षक को पूर्ण रूप से तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक होता है, क्योंकि परीक्षक के निरीक्षण के अनुसार ही सभी रिपोटों को तैयार किया जाता है। इस प्रकार के अंकेक्षण के अन्तर्गत सभी सेक्शनों का अलग-अलग निरीक्षण करके उसे प्रदर्शित किया जाता है, जैसे कि बिल्डिंग में ऊर्जा अंकेक्षण के समय संरचनात्मक अंकेक्षण का निरीक्षण चार्ट अलग होता है, जबकि विद्युत भार एवं प्रयोग होने वाले उपकरणों के निष्पादन चार्ट को अलग-अलग प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक सेक्शन में अलग-अलग अंकेक्षण होने के कारण विस्तृत रूप से अंकेक्षण करना संभव होता है।

वॉक थ्रू ऊर्जा अंकेक्षण के प्रमुख चरण निम्नलिखित हैं-

  1. तैयारी एवं योजना (Preparation and Planning) – सर्वप्रथम अंकेक्षण प्रक्रिया में लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए योजना बनाते हैं। इन लक्ष्यों में प्रमुखतः ऊर्जा बिलों को कम करना, ऊर्जा दक्षता में वृद्धि करना इत्यादि शामिल होता है।
  1. साइट निरीक्षण (Site Inspection) – वॉक थू अंकेक्षण का यह प्रमुख चरण होता है, क्योंकि वॉक थू से तात्पर्य साइट निरीक्षण द्वारा ऊर्जा संरक्षण के अवसरों की पहचान की जाती है। साइट निरीक्षण में सभी कार्यरत प्रणालियों का निरीक्षण किया जाता है।
  2. डाटा संग्रह एवं विश्लेषण (Data Collection and Analysis) –साइट निरीक्षण के उपरान्त डाटा का संग्रह करके उसका विश्लेषण किया जाता है। इसके अंतर्गत ऊर्जा हानि के बिन्दुओं को ध्यान में रखकर इसका कारण खोजा जाता है। इसके लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है।
  3. लागत-लाभ विश्लेषण (Cost-Profit Analysis)- यह चरण गणना आधारित होता है, जिसके अंतर्गत डाटा के द्वारा अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस रिपोर्ट में संसाधनों के द्वारा वार्षिक बचत एवं अतिरिक्त ऊर्जा खपत को प्रदर्शित किया जाता है।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि वॉक थू ऊर्जा अंकेक्षण इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

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