कम भार कोण जनरेटर युक्व पवन चक्की के भागों को बताइए?

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कम भार कोण जनरेटर युक्व पवन चक्की के भागों के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |

गाइड तार (Guide Wire) – ऊर्ध्वाधर अक्ष पवन टरबाइन को आमतौर पर रोटर शाफ्ट को एक निश्चित स्थिति में रखने और अधिकतम संभव यांत्रिक कंपन के लिए गाइड तार की आवश्यकता होती है।

हब (Hub) – हब, रोटर का केन्द्र होता है जिससे रोटर ब्लेड जुड़े होते हैं। इसके लिए कास्ट आयरन या कास्ट स्टील का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। VAWT में दो हब, ऊपरी और निचले होते हैं क्योंकि ब्लेड दो बिंदुओं पर जुड़े होते हैं।

रोटर (Rotor) – रोटर किसी पवन टरबाइन का मुख्य भाग होता है और इसमें एक हब से जुड़े कई रोटर ब्लेड होते हैं। यह पवन में मौजूद ऊर्जा को एकत्रित करने और इस ऊर्जा को यांत्रिक गति में बदलने के लिए एक जिम्मेदार टरबाइन घटक होता है। जैसे-जैसे रोटर डिजाइन का समग्र व्यास बढ़ता है, रोटर हवा से निकालने वाली ऊर्जा की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसलिए टरबाइनों को अक्सर एक निश्चित व्यास वाले रोटर और हवा से खींची जा सकने वाली अनुमानित ऊर्जा के अनुरूप डिजाइन किया जाता है।

रोटर ब्लेड (Rotor Blade) – रोटर ब्लेड, पवन टरबाइन का एक महत्त्वपूर्ण और बुनियादी हिस्सा है। ये मुख्य रूप से एल्युमिनियम, फाइबर ग्लास या कार्बन फाइबर से बने होते हैं क्योंकि ये वजन अनुपात में अधिक ताकत प्रदान करते हैं। अलग-अलग ब्लेड का डिजाइन रोटर के समग्र डिजाइन को भी प्रभावित करता है। रोटर ब्लेड, ऊर्जा को हवा से बाहर निकालते हैं, ये हवा को “कैप्चर” करते हैं और इसकी गतिज ऊर्जा को हब के रोटेशन में परिवर्तित करते हैं। VAWT में दो प्रकार के ब्लेड का उपयोग होता है-

(i) ड्रेज फोर्स टाइप ब्लेड् (सेवोनियस विंड टरबाइन)

(ii) लिफ्ट बल प्रकार ब्लेड (डैरियस और जिरोमिल पवन टरबाइन)

  1. शाफ्ट (Shaft) – शाफ्ट वह हिस्सा है जो टरबाइन ब्लेड द्वारा घुमाया जाता है। यह मुख्य आवास के भीतर जनरेटर से जुड़ा होता है।
  2. ब्रेक (Brake) –

(i) विद्युत ब्रेक लगाना – एक छोटी पवन टरबाइन की ब्रेकिंग, जनरेटर से ऊर्जा को एक प्रतिरोधक बैंक में डंप करके या टरबाइन रोटेशन की गतिज ऊर्जा को गर्मी में परिवर्तित करके की जा सकती है। यह विधि वहां पर उपयोगी है जहां पर जनरेटर पर गतिज भार अचानक कम हो जाता है। चक्रीय रूप से ब्रेक लगाने से ब्लेड धीमा हो जाता है, जिससे स्टॉलिंग प्रभाव बढ़ जाता है, तथा ब्लेड की दक्षता कम हो जाती है। अतः विद्युत ब्रेकिंग द्वारा, टरबाइन के रोटेशन को तेज हवाओं में सुरक्षित गति पर रखा जा सकता है, साथ ही नाममात्र बिजली उत्पादन को बनाए रखा जा सकता है। यह विधि आमतौर पर बड़े ग्रिड से जुड़े पवन टरबाइनों पर लागू नहीं होती है।

(ii) यांत्रिक ब्रेक- एक यांत्रिक ब्रेक को आमतौर पर गियरबॉक्स और जनरेटर के बीच उच्च गति शाफ्ट पर रखा जाता है, लेकिन कुछ टरबाइन होते हैं जिनमें टरबाइन और गियर बॉक्स के बीच कम गति बाले शाफ्ट पर यांत्रिक ब्रेक लगाया जाता है।

एक यांत्रिक ड्रम ब्रेक या डिस्क ब्रेक का उपयोग आपातकालीन स्थिति में टरबाइन को रोकने के लिए किया जाता है। जैसे-अधिक गति। इस ब्रेक का उपयोग द्वितीयक माध्य के रूप में रखरखाव के लिए टरबाइन को आराम से रोकने के लिए भी किया जाता है, अर्थात् मुख्य रूप से इसका मतलब एक रोटर लॉक सिस्टम से है। इस तरह के ब्रेक आमतौर पर ब्लेड फर्लिंग के बाद ही लगाए जाते हैं और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ब्रेकिंग के प्रयोग से टरबाइन की गति को आमतौर पर 1 या 2 रोटर- RPM कम कर दिया जाता है, क्योंकि मैकेनिकल ब्रेक नैसेल के अंदर आग उत्पन्न कर सकते हैं यदि टरबाइन को पूरी गति से रोकने के लिए उपयोग किया जाए। यदि रेटेड आर.पी.एम. पर ब्रेक लगाया जाता है तो टरबाइन पर भार भी बढ़ जाता है। इस प्रकार के यांत्रिक ब्रेक, हाइड्रोलिक सिस्टम द्वारा संचालित होते हैं और मुख्य नियंत्रण बॉक्स से जुड़े होते हैं।

गियर बॉक्स (Gear Box) – गियर बॉक्स का मुख्य कार्य शाफ्ट से कम घूर्णी गति प्राप्त कर जनरेटर की घूर्णी गति को बढ़ाना है। गियर चरणों के प्रकारों में प्लांटरी, हेलिकल, ओरल शाफ्ट, स्पर और वर्म प्रकार हैं। दो या दो से अधिक गियर प्रकारों को कई चरणों में जोड़ा जा सकता है। वे एल्युमिनियम मिश्र धातु, स्टेनलेस स्टील और अधिक लागत वाले लोहे से बने होते हैं।

जनित्र (Generator) – घूर्णी यांत्रिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण जनरेटर द्वारा किया जाता है। पर्वन ऊर्जा प्रणाली में वर्षों से विभिन्न प्रकार के जनरेटर का उपयोग किया गया है। बड़े, व्यावसायिक आकार के क्षैतिज अक्ष पवन टरबाइनों के लिए, जनरेटर को टरबाइन रोटर के हब के पीछे, टॉबर के शीर्ष पर एक नैसेल में लगाया जाता है। आमातौर पर पवन टरबाइन अतुल्यकालिक मशीनों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करते हैं जो सीधे बिजली ग्रिड से जुड़े हुए होते हैं। आमतौर पर पवन टरबाइन की घूर्णन गति विद्युत नेटवर्क के समतुल्य घूर्णन गति की तुलना में धीमी होती है। पवन जनरेटर के लिए विशिष्ट घूर्णन गति 5-20 R.P.M. होती है जबकि सीधी कनेक्टेड जनरेटर में 750-3600 R.P.M. के बीच विद्युत घूर्णन गति होती हैं। इसलिए, रोटर हब और जनरेटर के बीच एक गियरबॉक्स डाला जाता है। यह जनरेटर की लागत और वजन को भी कम करता है।

आधार (Base) – VAWT का आधार आमतौर पर उस भवन की छत होती है जिस पर इसे स्थापित किया जाता है।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि कम भार कोण जनरेटर युक्व पवन चक्की के भागों इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

Leave a Comment