दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे सौर जल तापन में सौर ऊर्जा कैसे काम आती है के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
थर्मोसाइफन सौर वाटर हीटर का सबसे साधारण निकाय है। सौर वाटर हीटर में थर्मोसाइफन के नियम को प्रयुक्त करके टंकी के शीर्ष में गरम जल एकत्रित करते हैं। सौर विकिरणों को एकत्रित करने के लिए फिन प्रकार के ऊष्मा विनिमयक को उपयोग में लिया जाता है। सौर विकिरणों को एकत्रित करने के लिए कॉपर प्लेटों को काला करते हैं। सभी जुड़े हुए पाइप तथा हॉट वाटर टैंक को ऊष्मारोधी से ढक देते हैं ताकि 24 घंटे पानी गरम रहे। इनके रखरखाव की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है।
कुछ व्यावसायिक सौर वाटर हीटर निम्न प्रकार हैं-
(i) प्राकृतिक परिसंचरण सौर वाटर हीटर (Pressurized)
(ii) प्राकृतिक परिसंचरण सौर वाटर हीटर (Non-pressurized)
(iii) फोर्ड परिसंचरण सौर वाटर हीटर (Forced Circulating)
प्राकृतिक परिसंचरण सौर वाटर हीटर
एक प्राकृतिक परिसंचरण सौर वाटर हीटर को चित्र 1 में दिखाया गया है। यह संग्राहक (south facing), ट्रान्सपेरेन्ट ग्लास कवर, पृथक् भण्डारण टैंक तथा इन्सुलेटेड पाइप से बना होता है। इसमें पानी के परिसंचरण के लिए कोई अतिरिक्त ऊर्जा कि आवश्यकता नहीं होती है।
प्राकृतिक संवहन या थर्मोसाइफन (Thermosyphon) द्वारा परिसंचरण होता है। जब जल ऊष्मीय होकर गुजरता है तब टैंक के निचली सतह से ठण्डा जल भण्डारण टैंक के ऊपर की ओर प्रवाहित होता है। इसे पुनः संग्राहक के निचले हीटर से गुजारा जाता है। अतः ठण्डे तथा गर्म जल दोनों के घनत्व में अन्तर आता है। घनत्व में यह अन्तर जल परिसंचरण के लिए एक दाब निर्वाह करता है। गरम पानी को ठण्डे पानी से बदला जाता है। इन्हें ऐसे स्थान पर स्थापित किया जाता है जहां सूर्य की रोशनी अधिक मात्रा में प्राप्त होती है। एक नहीं जमने वाले तरल को संग्राहक परिपथ में उपयोग में लाया जाता है। थर्मोसाइफन सौर वाटर हीटर एक निष्क्रिय निकाय है। इसमें जल परिसंचरण के लिए यांत्रिक पम्प (mechanical pump) की आवश्यकता नहीं होती है। इसे ग्रामीण क्षेत्र में अधिक उपयोग में लाया जाता है।

प्राकृतिक परिसंचरण सौर वाटर हीटर
एक प्राकृतिक परिसंचरण सौर वाटर हीटर को चित्र 2 में प्रदर्शित किया गया है। नॉन-प्रेशराइज्ड निकाय सस्ता तथा इसको स्थापित करना आसान है। इसमें भी यात्रिंक पम्प की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें प्रत्यावर्ती परिसंचरण को रोकने के लिए एक वाल्व लगा होता है।

बलात् परिसंचरण सौर वाटर हीटर
इसमें यांत्रिक पम्प का उपयोग किया जाता है। इसे भण्डारण टैंक के पैंदें तथा संग्राहक के निचले सिरे के बीच लगाया जाता है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि सौर जल तापन में सौर ऊर्जा कैसे काम आती है इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो