दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि डीजल विद्युत प्लांट के मुख्य भागों के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
डीजल विद्युत गृह के भाग निम्नलिखित हैं-

(a) ईंधन पद्धति (Fuel System) – स्थानान्तर पम्प द्वारा ईंधन तेल पूरे दिन के लिए पूर्ण दिवस टैंक में एकत्रित किया जाता है। इस ईंधन तेल को पूर्ण दिवस टैंक में भेजने से पूर्व छनित्र में से छाना जाता है जिससे निलम्बित अशुद्धि दूर की जा सकें। पूर्ण दिवस टैंक से डीजल, तेल इंजन में ईंधन पम्प और ईंधन अन्तःक्षेपी पम्प (fuel injection pump) में से फायर किया जाता है।

(b) वायु अन्तःप्रवेश पद्धति (Air Injection System) – प्रत्येक चक्र में संपीडन के लिए आवश्यक वायु, वायु फिल्टरों में से भेजी जाती है। वायु फिल्टरों की सहायता से धूल के कण अंदर नहीं जा सकते हैं।
(c) वायु विसर्जन पद्धति (Exhaust System) – इंजन की विसर्जित दूषित गैसों को इंजन गृह से बाहर ही विसर्जित किया जाता है। इंजन सिलेण्डर की एग्ज़ॉस्ट पद्धति को एग्ज़ॉस्ट पाइप से जोड़ा जाता है। एग्जॉस्ट पाइप एग्जॉस्ट लाइन में दाब को कम करता है और दूषित विसर्जित गैस से पैदा होने वाले शोर को भी कम करता है।
(d) शीतलन पद्धति (Cooling System) – इंजन सिलेण्डर को शीतल करने के लिए सिलेण्डर जैकेट (jacket) में से निरन्तर ठंडा पानी प्रवाहित किया जाता है। शीतलन जल सदैव मृदु होना चाहिए अन्यथा सिलेण्डर जैकेट में पपड़ी जम सकती है। शीतलन जल के प्रसार का सदैव ध्यान रखा जाता है।
(e) स्नेहन पद्धति (Lubrication System) – हौदी (sump) में से स्नेहन तेल, पम्प द्वारा खींचकर पहले छलनी और फिर फिल्टर में से गुजारा जाता है। साधारणतया हौदी में से लेते समय स्नेहन तेल गर्म होता है। यदि तेल गर्म नहीं होता तो फिल्टर में से छानने से पूर्व इसे गर्म किया जाता है जिससे इसकी श्यानता बढ़ जाए और इसे आसानी से छाना जा सके। इसके पश्चात् इंजन में से भेजने से पूर्व स्नेहन तेल को ताप प्रतिवाही (heat exchanger) में ठंडा कर लिया जाता है।
(f) प्रारम्भन पद्धति (Starting System) – इंजन को प्रारम्भ करने के लिए बैट्री तथा संपीडित वायु आदि की आवश्यकता पड़ती है इसलिए इंजन को चलाने से पूर्व यह निश्चित कर लेना चाहिए कि बैट्री ठीक स्थिति में है और संपीडित वायु का दाब उचित है। इसके पश्चात् शीतलन जल को चालू करके इंजन को निर्माता के निर्देशानुसार प्रारम्भ किया जाता है।
(g) विद्युत उत्पादन पद्धति (Electricity Generation System) – इंजन को चलाने पर उससे युग्मित जनित्र चलता है और विद्युत शक्ति उत्पन्न करता है। जनित्र को बस बार से संयोजित करने से पूर्व उसकी वोल्टता और चाल समज्जित की जाती है और फिर उसे तुल्यकालित (synchronise) करने के पश्चात् परिपथ वियोजक (circuit breaker) का स्विच ऑन किया जाता है। तुल्यकालित करने के बाद इंजन को अधिक ईंधन प्रदान किया जाता है जिससे वह भार ले सके।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि डीजल विद्युत प्लांट के मुख्य भागों इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो