दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे सौर ग्रीन हाउस के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
सौर ग्रीन हाउस (Solar Green House)
सौर ऊर्जा का उपयोग कर हम ग्रीन हाउस गैसों जैसे CO₂, CO आदि को कम कर सकते है। एक तापीय शक्ति संयंत्र में ईंधन का दोहन करते हैं जिससे इसमें हानिकारक गैस CO, ऑक्सीजन, सल्फर, CO2, SO₂ तथा NOx गुजरता है। अवशोषक प्रशीतक ऊष्मा अवशोषित करता है तथा शीतलन की आपूर्ति इसके चारों ओर लगी कुण्डलियो से पूरी होती है। प्रशीतक वाष्प अब विलायक मिश्रण से अवशोषित होती है जो कि जनित्र से निकलती है और यह वाष्प प्रशीतक सांद्रण में कमजोर होती है। तत्पश्चात् विलयन वापस पम्प की सहायता से जनित्र में जाता है। इस तरह यह प्रक्रिया पूरी होती है। उच्च विलयन अवशोषक से होता हुआ जनित्र में जाता है जिससे प्रक्रम की दक्षता में सुधार होता है। कुछ मुख्य प्रशीतक अवशोषक समूह जैसे अमोनिया-पानी (NH3-H₂O) और पानी-लीथियम ब्रोमाइड (H₂O-LiBr) आदि मुख्यतः उपयोग में लिये जाते हैं। इसकी दक्षता 0.5 से 0.8 के मध्य होती है लेकिन इसमें लागत ज्यादा होती है। हमारे आस- पास के वातावरण में कार्बन उत्सर्जित होता है जो कि वायुमण्डल तथा मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक गैस होती हैं तथा ये ग्रीन हाउस प्रभाव को भी बढ़ाती हैं।
जबकि सौर ऊर्जा से उत्पन्न शक्ति संयंत्रों में कोई भी जीवाश्म ईंधन प्रयुक्त नहीं होता है अतः कोई दूषित गैसें उत्सर्जित नहीं होती हैं। अतः सौर ऊर्जा से ग्रीन हाउस के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
ठंड या जाड़ों के हरितघर
ये ठंडे प्रदेशों में बनाए जाते हैं। हरितघर को गरम करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। ऐसे हरितघर में अधिकतम सौर ऊर्जा अंदर लाने के लिए दक्षिण दिशा में कांच की दोहरी दीवार बनाई जाती है। उत्तर दिशा की दीवार पर अंदर से सफेद रंग किया जाता है। हरितघर में ऊर्जा भण्डारण का प्रावधान भी किया जाता है। पूर्व एवं पश्चिम की दीवारों पर खिड़कियां भी लगाई जाती हैं।
गरमी के हरितघर
ये ऐसे क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जहां वातावरण का तापमान, पौधों की बढ़त के लिए आवश्यक तापमान से बहुत अधिक होता है। यहां हरितघर की बनावट ऐसी होती है कि उसका तापमान अधिक न बढ़े। सामान्यतः इस प्रकार के हरितघरों में दक्षिण एवं उत्तर दिशा की दीवारों पर खिड़कियां लगाई जाती हैं। इन खिड़कियों से हरितघर को स्वंतत्र संवहन प्रक्रिया द्वारा ठण्डा रखा जाता है। दूसरे तरीके में खिड़कियों में खांचे बनाते हैं, जिनसे हवा प्रवाहित होती है। हवा को वाष्पीकारक पैड से ठंडा कर खांचों में भेजते हैं। दक्षिण दिशा की दीवार पर ताप-कुचालक (जो हटाया भी जा सके) लगाया जाता है। पूर्व एवं पश्चिम की दीवारों से सौर विकिरण होता है। उत्तर की दीवार पर अंदर से परावर्तक पेंट लगाते हैं। हरितघर को ठंडा रखने के लिए आवश्यकतानुसार पंखों का उपयोग किया जा सकता है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि सौर ग्रीन हाउस इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो